Wednesday, October 17, 2007

नोबेल पुरूस्कार की दौड़ में भारतीय

डाक्टर आर. के. पचौरी को वर्ष २००७ का नोबेल शांति (Peace) पुरूस्कार की दौड़ में शामिल किया गया है। सहसा ही मन में उन भारतीयों का ख़याल आया जिनको अभी तक नोबेल पुरूस्कार से समानित किया जा चूका है। सूची बहुत बड़ी तो नहीं है परंतु ऐसी है जिस पर सभी भारतीयों को गर्व है।
नोबेल पुरुस्कृत भारतीयों की सूची:

) रबींद्र नाथ ठाकुर को साहित्य (Literature) के लिए सन् १९१३ में
) चंद्रशेखर वेंकट रमन को भौतिक शास्त्र (Physics) के लिए सन् १९३० मे
) डाक्टर हर्गोबिन्द खुराना को औषधि एवं जिव्तत्व (Medicine and Physiology) के लिए सन् १९६८ में
) मदर टेरेसा को शांति (Peace) के लिए सन् १९७९ में
) डाक्टर सुब्रामनियम चंद्रशेखर को भौतिकी शास्त्र (Physics) के लिए सन् १९८३ में
) डाक्टर अमर्त्य सेन को अर्थ शास्त्र (Economics) के लिए सन् १९९८ में

इस सूची में एक और नाम पांच बार जुड़ने से वंचित रह गया। वो नाम था हमारे राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी का। सन् १९३७ से १९४८ के बीच महात्मा गाँधी का नाम पांच बार नोबेल शांति (Peace) पुरूस्कार के लिए चयनित किया गया परंतु राष्ट्र पिता को एक बार भी ये पुरूस्कार नहीं मिल सका। सन् १९४८ में महात्मा गाँधी को संभवतः ये पुरुस्स्कार मिल जाता परंतु दुर्भाग्य पूर्वक उसी वर्ष उनका देहांत हो गया। नोबेल पुरूस्कार कमेटी ने मरणोपरांत ये पुरूस्कार देने का निश्चय किया परंतु मरणोपरांत ये पुरूस्कार देने को स्वीकृति नहीं मिल पायी। अंततः उस वर्ष (१९४८) किसी को भी नोबेल शांति पुरूस्कार से सम्मानित नहीं किया गया।

1 comment:

Sanjay Tiwari said...

आर के पचौरी को शांति का नोबेल मिला तो साबित हो जाएगा कि नोबेल पुरस्कार भी फिक्सिंग से मिलता है. जल्द ही एक लेख आर के पचौरी पर लिखने की जरूरत है.


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