Thursday, July 12, 2007

गुड मोर्निंग मुम्बई ........

जिन्दगी कि इस दौड़ में दौड़ के करना क्या है?
अगर यही जीना है दोस्तो तो फिर मरना क्या है?

पहली बारिश मे ट्रेन लेट होने कि फिक्र है,
भूल गए भीगते हुये टाहेलाना क्या है.

सिरिअल्स के किर्दारो का सारा हाल है मालूम
पर माँ का हाल पूछने कि फुरसत कहॉ है।

अब रेत पे नंगे पों टहलते क्यों नही?
१०८ है चैनल फिर दिल बहेलते क्यों नही?

कि दुनिया के तो touch मे है,
लेकिन पड़ोस मे कौन रहता है जानते तक नही।

मोबाइल, landline सब कि भरमार है,
लेकिन जिगरी दोस्त तक पहुचे ऐसे तार कहां है?

कब डूबते हुये सूरज को देखा था याद है?
कब जान था शाम का वोः बनना क्या है?

तो दोस्तो जिन्दगी कि इस दौड़ मे दौड़ के करना क्या है.
अगर यही जीना है तो फिर मरना क्या है?

-->> जानवी - लगे रहो मुन्ना भाई

No comments:


View My Stats