Friday, October 19, 2007

कुछ शेर दोस्ती के नाम

कौन कहता है दोस्त तुमसे हमारी जुदाई होगी,
ये खबर किसी और ने उडाई होगी,
शान से रहेंगे आपके दिल में हम,
इतने दिनों में हमने कुछ तो जगह बनाई होगी


दिल तोड़ना हमारी आदत नहीं,
दिल हम किसी का दुखाते नहीं,
भरोसा रखना हमारी दोस्ती पर,
दोस्त बनाकर हम किसी को भुलाते नहीं


ज़रूरत ही नहीं अल्फाज़ की,
दोस्ती तो चीज़ है बस एहसास की,
पास होते तो मंज़र ही कुछ और होता,
दूर से भी खबर है हमें आपकी हर सांस की


ज़िंदगी का एक और सफर कट गया यूहीं,
खुशियाँ और गम के पल बीत गए यूहीं,
साथ दोस्तों का था उस हर एक पल में,
यादें बस यादें रह जायेगी हमेशा,
जिन्हें दिल में समाये कट जाएगा आगे का सफर यूहीं

2 comments:

Udan Tashtari said...

कौन कहता है दोस्त तुमसे हमारी जुदाई होगी,
ये खबर किसी और ने उडाई होगी,
शान से रहेंगे आपके दिल में हम,
इतने दिनों में हमने कुछ तो जगह बनाई होगी

--पसंद आया.

Atul Chauhan said...

पास होते तो मंज़र ही कुछ और होता,
दूर से भी खबर है हमें आपकी हर सांस की'।
अचछी रचना है।


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