Friday, October 5, 2007

खुश रहो

जिन्दगी है छोटी, हर पल में खुश रहो,

ऑफिस मे खुश रहो, घर में खुश रहो
आज पनीर नहीं है, दाल में ही खुश रहो,

आज जिम जाने का समय नहीं, दो कदम चल के ही खुश रहो
आज दोस्तों का साथ नहीं, टीवी देख के ही खुश रहो

घर जा नहीं सकते तो फ़ोन कर के ही खुश रहो
आज कोई नाराज़ है, उसके इस अंदाज़ में भी खुश रहो

जिसे देख नहीं सकते उसकी आवाज़ में ही खुश रहो
जिसे पा नहीं सकते उसके याद में ही खुश रहो

Laptop ना मिला तो क्या, Desktop में ही खुश रहो
बिता हुआ कल जा चुका है, उससे मिटी यादें है, उनमे ही खुश रहो

आने वाले पल का पता नहीं, सपनों में ही खुश रहो
हंसते हंसते ये पल बिताएँगे, आज में ही खुश रहो

जिन्दगी है छोटी, हर पल में खुश रहो

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